दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की बढ़त, आप के लिए चुनौतीपूर्ण सुबह Election Commission of India के अनुसार, दिल्ली में भाजपा 38 सीटों पर आगे, आप 28 पर

February 8, 2025
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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की बढ़त, आप के लिए चुनौतीपूर्ण सुबह Election Commission of India के अनुसार, दिल्ली में भाजपा 38 सीटों पर आगे, आप 28 पर

नई दिल्ली, 8 फरवरी 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की गिनती आज सुबह 8 बजे शुरू हुई, और शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) पर बढ़त बना ली है। चुनाव आयोग (Election Commission of India) के अनुसार, भाजपा 38 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आप 28 सीटों पर लीड कर रही है। कांग्रेस और अन्य दल शुरुआती गिनती में पिछड़ रहे हैं।

गिनती प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने दिल्ली में 19 गिनती केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। 5,000 से अधिक कर्मचारी, जिनमें गिनती पर्यवेक्षक, सहायक और सूक्ष्म पर्यवेक्षक शामिल हैं, इस प्रक्रिया को संचालित कर रहे हैं। पोस्टल बैलेट्स की गिनती पहले शुरू हुई, और 30 मिनट बाद ईवीएम वोटों की गिनती शुरू हुई।

प्रमुख सीटों पर रोमांचक मुकाबला
नई दिल्ली सीट पर आप के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा के परवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित के खिलाफ मुकाबला कर रहे हैं। इस सीट पर मतदान प्रतिशत 56.41% रहा, जो पिछले चुनावों की तुलना में कम है13। कालकाजी सीट पर मुख्यमंत्री अतिशी भाजपा के रमेश बिदूरी से पिछड़ रही हैं, जबकि जंगपुरा में आप के मनीष सिसोदिया भाजपा के तरविंदर सिंह मरवाह से पीछे हैं।

चुनाव आयोग की तैयारियां
चुनाव आयोग ने गिनती प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। ईवीएम और वीवीपीएटी स्लिप्स की जांच की जा रही है, और किसी भी अनियमितता की स्थिति में पुनर्गिनती का प्रावधान है।

राजनीतिक विश्लेषण
शुरुआती रुझानों के अनुसार, भाजपा ने मुस्लिम बहुल सीटों सहित 20 से अधिक सीटों पर बढ़त बना ली है। आप के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है, क्योंकि पिछले दो चुनावों में उसने दिल्ली में शानदार प्रदर्शन किया था। 2015 में आप ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं, जबकि 2020 में 62 सीटें हासिल की थीं।

निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे राज्य और राष्ट्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण होंगे। चाहे आप तीसरी बार सरकार बनाए या भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी करे, यह देखना दिलचस्प होगा। चुनाव आयोग की पारदर्शी प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था ने इस चुनाव को और भी विश्वसनीय बना दिया है।